संदेश

गिलहरी की 5 शानदार शायरी | sachi shayeri

चित्र
  गिलहरी की 5 शानदार शायरी | sachi shayeri   गिलहरी पर शायरी: मासूमियत और फुर्ती की 5 शानदार शायरियाँ गिलहरी, एक नन्हा सा प्राणी जो फुर्ती, चंचलता और मासूमियत की पहचान है। कभी पेड़ों की डालियों पर दौड़ती है, तो कभी इंसानों के बीच अपनी छोटी-छोटी हरकतों से सबका मन मोह लेती है। गिलहरी पर शायरी लिखना एक अनोखा अनुभव है, क्योंकि यह हमें जीवन की छोटी-छोटी खुशियों की याद दिलाती है। Shayari 1: पेड़ों की राजकुमारी, उछलती कूदती शाखों पर वो छाई, गिलहरी की फुर्ती हर नज़र को भाई। छोटे-से तन में जैसे बिजली बसी हो, हर हरकत उसकी जैसे कविता रची हो। गिलहरी पर शायरी, पेड़ों की शायरी, जानवरों की शायरी Shayari 2: मासूम आँखों में जादू नन्हीं आँखों में जैसे कोई सपना, गिलहरी की मुस्कान, कितनी है अपना। छोटे हाथों से जब दाना उठाती है, जैसे खुदा की रहमत मुस्कराती है। मासूमियत की शायरी, जानवरों पर शायरी, गिलहरी कविता Shayari 3: बचपन की साथी, बचपन में अक्सर छत पर मिलती थी, गिलहरी हर सुबह दोस्ती सी लगती थी। हम रोटी डालते, वो झटपट खा जाती, बिना कहे हमारे दिल में उतर जाती। बचपन की यादें, गिलहरी दोस्ती शायरी, ...

नेवले जबरदस्त 5 शायरी | sachi shayeri

चित्र
नेवले जबरदस्त 5 शायरी | sachi shayeri   नेवले पर शायरी: फुर्ती, बहादुरी और स्वाभिमान की 5 जबरदस्त शायरियाँ प्रकृति ने हर जीव को कुछ अनोखी खूबियाँ दी हैं, और नेवला उनमें से एक है जो अपनी बहादुरी, तेज़ी और संघर्ष क्षमता के लिए जाना जाता है। सांप जैसे खतरनाक दुश्मन से टक्कर लेने का साहस रखने वाला नेवला न सिर्फ़ एक जानवर है, बल्कि हिम्मत और चालाकी का प्रतीक भी है। Shayari 1: जंगल का बहादुर योद्धा, जो डर को हराए, वो ही असली वीर है, नेवला जंगल का वो रणधीर है। सांप से भिड़ जाए बिना किसी खौफ के, उसके हौंसले को सलाम है साफ-साफ के। नेवला पर शायरी, बहादुर जानवर शायरी, जंगल का योद्धा Shayari 2: चालाकी की मिसाल, छोटा-सा शरीर, पर दिमाग है तेज़, नेवले की चाल में होती है एक रेज़। जहां कोई हार मान ले, वहां ये जीत पाता है, दुश्मन को मात देकर भी मुस्कराता है। नेवले की चालाकी, चालाक जानवर शायरी, प्रेरणादायक शायरी Shayari 3 फुर्ती में सबसे आगे, नेवला जब दौड़े, हवा भी रुक जाती है, उसकी फुर्ती देखकर ज़मीन हिल जाती है। सांप की फुफकार भी उसे न रोक पाए, जो ठान ले जीतना, हार वहाँ न आए। फुर्तीला जानवर, न...

ओंठ शायरी | इश्क की खामोश जुबान | sachi shayeri

चित्र
  ओंठ शायरी | इश्क की खामोश जुबान | sachi shayeri  ओंठ, इश्क की सबसे नाज़ुक और सबसे बोलती हुई ज़ुबान होते हैं। जब आँखें बोलना भूल जाएं, तब ओंठ अपने ही अंदाज़ में मोहब्बत बयान कर जाते हैं। यहाँ हम आपके लिए 5 शानदार होंठ शायरी लेकर आए हैं, जो दिल को छू जाएंगी। Shayari 1: तेरे ओंठों की खामोशी कुछ कहती है, तेरे ओंठों की खामोशी में इक राज़ छुपा है, हर लफ़्ज़ बिना बोले ही दिल तक पहुँचा है। लबों पर तेरे जो हँसी की चुप्पी है, वो सुकून बनकर मेरे दिल में बसा है। > इस ओंठ शायरी में मोहब्बत की वो खामोशियाँ हैं, जो शब्दों से नहीं, सिर्फ एहसास से महसूस होती हैं। Shayari 2: तेरे होंठों की लाली पे लुटा दूँ ज़िन्दगी, तेरे होंठों की लाली पे लुटा दूँ ज़िन्दगी, इन ओंठों से ही तो शुरू होती है बंदगी। तेरी मुस्कान का असर कुछ ऐसा है सनम, जैसे सहर में पहली दुआ हो मेरी कलम। >  की दृष्टि से यह शायरी उन लोगों को आकर्षित करेगी जो "होंठों की तारीफ की शायरी" खोजते हैं। Shayari 3: ओंठ जो ना बोले, वो आँखें कह गईं, ओंठ कुछ कह ना सके, मगर निगाहें पढ़ गईं, तेरी चुप्पी में भी मोहब्बत की कहानी बह गई। हो...

बचपन के कंचे और वो रंगीन सपना | Sachi shayeri

चित्र
  बचपन के कंचे और वो रंगीन सपना | Sachi shayeri   Shayari 1: बचपन के कंचे और वो रंगीन सपना,  बचपन की शायरी, कंचों की शायरी काँच के टुकड़ों में भी जादू नजर आता था, हर कंचा जैसे कोई सपना सजाता था। बचपन की गलियों में जब हम खेला करते थे, हर हार में भी कोई जीत नजर आता था। Shayari 2: मिट्टी में सजे वो कंचों के मेले  बचपन की यादें, कंचे और दोस्ती मिट्टी से सजी थी कंचों की दुकान, हर दांव पर जुड़ा था बचपन का जहान। कभी जीत कर खुश होते, कभी हार कर रोते, पर उस खेल में सबसे प्यारी होती थी दोस्ती की जान। Shayari 3: बचपन और कंचे – एक अधूरी कहानी कंचों की कविता, बचपन की मासूमियत न सवाल थे, न जवाब की चिंता, बस कंचों की मार और जीत की हिंमत। आज भी मन करता है लौट चलें वहीं, जहाँ थी बचपन की वो अधूरी सी जिन्दगी। Shayari 4: कंचों के खेल में बसी थी दुनियादारी बचपन का खेल, नॉस्टेल्जिक शायरी चांद जैसे कंचे, सूरज जैसी जीत, उस छोटे से खेल में छिपी थी बड़ी रीत। ना लालच, ना स्वार्थ, बस दोस्ती का खजाना, हर शाम कंचों के संग होता था अफसाना। Shayari 5: आज भी दिल ढूँढे वो बचपन के कंचे बचपन की तलाश, पु...

मजेदार चूहे की शायरी हिंदी | sachi shayeri

चित्र
  मजेदार चूहे की शायरी हिंदी | sachi shayeri  अगर आप कुछ अलग और मजेदार पढ़ना चाहते हैं तो पेश है चूहे की शायरी – जो न सिर्फ बच्चों को पसंद आएगी, बल्कि बड़ों को भी हँसी का तड़का देगी। इन शायरियों में चूहे की शरारत, चालाकी और घर में उसकी धमाचौकड़ी को मज़ाहिया अंदाज़ में प्रस्तुत किया गया है। Shayari 1: चूहे की चालाकी, छोटा सा चूहा, बड़ा सयाना, किचन में करता रोज़ बहाना। कभी दाल में, कभी चावल में घुसे, मम्मी बोले – अब तो जाल बिछाना। चूहे की शायरी, मजेदार चूहा शायरी, funny chuha quotes Shayari 2: रात का मेहमान, रात को आता, दिन में छुप जाता, हर कोने में अपना घर बनाता। मम्मी के हाथ से बचकर निकले, और बिस्कुट का पूरा पैकेट चट कर जाता। chuha ki masti shayari, rat ka chuha, hindi funny shayari Shayari 3: चूहा और पनीर, पनीर दिखा नहीं कि आँख चमके, चूहे की तो भूख ही दमके। बिल्ली भी बोले – ये तो महारथी है, जो पिंजरे से भी बच निकले, वही चूहा असली खिलाड़ी है। chuha aur paneer shayari, clever chuha poem, chuha jokes in hindi Shayari 4: चूहा बना किचन का राजा, रसोई में चलता उसका राज, हर चीज़ पर व...

मुर्गे की सच्ची शायरी | sachi shayeri

चित्र
  मुर्गे की सच्ची शायरी | sachi shayeri  गाँव की सुबह से लेकर प्लेट तक की कहानी अगर आप मुर्गे की शायरी ढूंढ रहे हैं जो दिल को गुदगुदाए और सोचने पर मजबूर कर दे, तो आप बिलकुल सही जगह आए हैं। नीचे दी गई 5 शायरी हास्य और व्यंग्य से भरपूर हैं, जो मुर्गे के अलग-अलग रूपों को दर्शाती हैं – कभी बाग में बांग देता, कभी हलाल की दुकान पर इंतजार करता, तो कभी बच्चों का खिलौना बनता। Shayari 1: गाँव की सुबह और मुर्गा, सुबह-सुबह बांग देता, पूरे गाँव को जगाता, खुद नींद से उठे नहीं, पर सबको अलार्म बनाता। मुर्गा बोले, "भाई मैं तो बस ड्यूटी करता हूँ", गाँव बोले, "तेरे बिना तो सूरज भी नहीं निकलता"। मुर्गे की शायरी, गाँव की शायरी, सुबह की शायरी Shayari 2: मोहब्बत और मुर्गा, एक मुर्गी पे आया दिल, मुर्गा बेचारा पिघला, डांस किया, चूजा बना, पर मुर्गी फिर भी ना बदला। बोली, "तेरे पंख तो ठीक हैं, पर तेरा स्टाइल नहीं", मुर्गा बोला, "मोहब्बत में सब चलता है, बस दिल साफ चाहिए"। मुर्गे की शायरी, लव शायरी, हास्य शायरी Shayari 3: शहर का मुर्गा, शहर आया मुर्गा गाँव से, फैशन में हो गया...

रोमांटिक बादल शायरी | sachi shayeri

चित्र
  रोमांटिक बादल शायरी | sachi shayeri  Shayeri 1: रोमांटिक बादल शायरी, बादल भी आज कुछ खास बात करते हैं, तेरे ज़िक्र पे बरसात की शुरुआत करते हैं। तेरी यादों की नमी जब भी आती है, ये घटाएं चुपके से मुझे तेरे पास करती है। यह रोमांटिक शायरी प्रेम और बादल के बीच के रिश्ते को दर्शाती है – "रोमांटिक बादल शायरी" की तलाश करने वालों के लिए उत्तम। Shayeri 2: उदासी में डूबा बादल, कुछ बादल दिल के हाल बताते हैं, चुपचाप आकर आँसू बरसाते हैं। जैसे मेरी तन्हाई को वो समझते हों, हर बार बिना कहे ही साथ निभाते हैं। यह शायरी "उदासी पर बादल शायरी" के लिए उपयोगी है, जो भावुक पाठकों से जुड़ती है। Shayeri 3: प्रेरणादायक बादल शायरी, बादल भले ही सूरज को ढक लेते हैं, पर रोशनी को कभी रोक नहीं सकते। मुसीबतें चाहे जितनी भी गहरी हों, हौसले वाले हार नहीं मानते। "प्रेरणादायक शायरी", "बादल और सूरज शायरी" जैसे कीवर्ड के लिए ये शायरी उपयुक्त है। Shayeri 4: मौसम और बादल की शायरी बादल आए तो मौसम में मिठास घुल गई, हवा भी कुछ नरम सी होने लगी। हर कोना खुशबू से भर गया यूं, जैसे कुदरत ने दिल ...