नेवले जबरदस्त 5 शायरी | sachi shayeri
नेवले जबरदस्त 5 शायरी | sachi shayeri
नेवले पर शायरी: फुर्ती, बहादुरी और स्वाभिमान की 5 जबरदस्त शायरियाँ
प्रकृति ने हर जीव को कुछ अनोखी खूबियाँ दी हैं, और नेवला उनमें से एक है जो अपनी बहादुरी, तेज़ी और संघर्ष क्षमता के लिए जाना जाता है। सांप जैसे खतरनाक दुश्मन से टक्कर लेने का साहस रखने वाला नेवला न सिर्फ़ एक जानवर है, बल्कि हिम्मत और चालाकी का प्रतीक भी है।
Shayari 1:जंगल का बहादुर योद्धा,
जो डर को हराए, वो ही असली वीर है,
नेवला जंगल का वो रणधीर है।
सांप से भिड़ जाए बिना किसी खौफ के,
उसके हौंसले को सलाम है साफ-साफ के।
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Shayari 2:
चालाकी की मिसाल,
छोटा-सा शरीर, पर दिमाग है तेज़,
नेवले की चाल में होती है एक रेज़।
जहां कोई हार मान ले, वहां ये जीत पाता है,
दुश्मन को मात देकर भी मुस्कराता है।
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Shayari 3
फुर्ती में सबसे आगे,
नेवला जब दौड़े, हवा भी रुक जाती है,
उसकी फुर्ती देखकर ज़मीन हिल जाती है।
सांप की फुफकार भी उसे न रोक पाए,
जो ठान ले जीतना, हार वहाँ न आए।
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Shayari 4:
संघर्ष की परिभाषा,
न डरता है, न रुकता है, ये जानवर अलग है,
हर जंग को जीतने का इसमें जुनून जबरदस्त है।
नेवला हमें सिखा गया संघर्ष की परिभाषा,
कैसे छोटे आकार में भी हो सकती है आशा।
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Shayari 5:
स्वाभिमान का प्रतीक,
सिर ऊँचा रखता है, आँखों में नूर है,
नेवले की चाल में कुछ और ही गुरूर है।
झुकना जानता नहीं, चाहे कोई भी हो सामने,
अपनी शर्तों पर जीता है, यही है असली दास्तानें।
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निष्कर्ष:
नेवला सिर्फ़ एक जानवर नहीं, बल्कि साहस, फुर्ती और आत्मसम्मान का प्रतीक है। उसकी हरकतों में जीवन का वो सबक छिपा है जिसे हम अक्सर भूल जाते हैं – कि ताकत आकार में नहीं, हौसले में होती है। इन नेवला शायरी के ज़रिए हमने यही संदेश देने की कोशिश की है कि हमें भी नेवले की तरह निडर, तेज और स्वाभिमानी बनना चाहिए।
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