कुर्सी की ताकत क्या है जानो sachi shayeri
कुर्सी की ताकत क्या है जानो sachi shayeri
Shayeri 1:
कुर्सी पे बैठा हर शख्स खुदा नहीं होता,
पर उसकी हर बात क़ायदा बन जाती है।
ताकत की ये जादूगरी ही कुर्सी की असली पहचान है।
Shayeri 2:
कुर्सी मिली नहीं कि इंसान खुद को राजा समझ बैठा,
भूल गया कि सत्ता जनता के भरोसे से चलती है।
यही कुर्सी की ताकत का धोखा है।
Shayeri 3:
वो कुर्सी क्या जो ज़मीर बेच दे इंसान का,
ताकत हो मगर इंसाफ भी हो साथ।
कुर्सी तभी तक है जब तक भरोसा साथ है।
Shayeri 4
हर कुर्सी के पीछे छुपे हैं कई राज,
कभी वफादारी, कभी सिर्फ साज़िश का अंदाज़।
ताकत की ये कुर्सी बड़ी बेदर्द होती है।
Shayeri 5:
कुर्सी की ताकत ने फकीर को नवाब बना डाला,
कल तक जो सादा था, आज शाही हो चला।
कुर्सी बदलती नहीं, बस लोग बदल जाते हैं।
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