साइकिल देहात और जीवन की sachi shayeri

 साइकिल देहात और जीवन की sachi shayeri 



Shayeri 1:

साइकिल की रफ्तार में बचपन की यादें बसती हैं,

गली-मोहल्ले की हर सैर में हँसी मस्ती है। पेट्रोल नहीं, बस पैडल चाहिए, साइकिल चलाना भी एक सुकून है असली।


Shayeri 2:

हर सुबह साइकिल संग चल पड़ते हैं,

हवा को चीरते हुए ख्वाबों से मिलते हैं। साइकिल है सफर का सच्चा साथी, सेहत भी सुधरे और मन भी मुस्काए।


Shayeri 3:

साइकिल की घंटी में है अपनापन,

ना शोर, ना धुआँ, बस सुकून सा जीवन। धरती से प्यार जताए जो साधन, साइकिल ही है सबसे अच्छा चयन।


Shayeri 4:

साइकिल चलाना बचपन का जुनून था,

अब ये फिटनेस का पैग़ाम बन चुका है। हर मोड़ पर साइकिल साथ देती है, जीवन में सरलता और संतुलन लाती है।


Shayeri 5:

साइकिल से रास्ते छोटे लगते हैं,

हर मंज़िल पास आती है। पैडल घुमाते जाओ, थकान मिटाओ, साइकिल से जीवन आसान बनाओ। 


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