गर्मी में पंखे का सहारा 5 शायरी sachi shayeri

 गर्मी में पंखे का सहारा 5 शायरी sachi shayeri 


Shayeri 1:

गर्मी में राहत का सहारा है पंखा,;हर दिल को लगता प्यारा है पंखा। बिना कहे चलता रहता है चुपचाप,
जैसे निभा रहा हो कोई अपनापन।

(गर्मी में पंखे की अहमियत शायरी)

Shayeri 2:

पंखा घूमे सुकून से छत पे, ठंडी हवा दे हर एक रुत पे।
गर्मी की दोपहरी हो या रात, पंखा दे सुकून, दिल को राहत।

(ठंडी हवा देने वाला पंखा शायरी)

Shayeri 3:

चुपचाप चलता, कुछ न बोले पंखा, जैसे सब सहन कर बोले। हर कोने में ठंडक फैलाए, गर्मी में जीवन आसान बनाए।
(पंखे की शांति पर शायरी)

Shayeri 4:

बिजली जाए तो याद आए पंखा, इसके बिना अधूरी लगे जिन्दगी का नक्शा। गर्मी में इसकी हवा का एहसास,
जैसे हो रूह को मिले कोई खास।

(बिजली और पंखा शायरी)

Shayeri 5:

छत पर टंगा, लेकिन दिल में बसा, हर रात इसका चलना अच्छा लगा। गर्मी से राहत का ये अनमोल तोहफा,
पंखा नहीं, जैसे खुदा का दुआ।

(पंखा और राहत की शायरी)





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